...तो बैडमिंटन कोर्ट पर जलवा बिखेर रहे होते रोजर फेडरर, जानिए किन-किन खेलों में आजमाई थी किस्‍मत

स्विट्जरलैंड के टेनिस स्टार रोजर फेडरर (Roger Federer) ने गुरूवार को पेशेवर टेनिस (Tennis) से संन्यास लेने की घोषणा की और कहा कि अगले हफ्ते लंदन में लेवर कप उनका विदाई टूर्नामेंट होगा.

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स्विट्जरलैंड के टेनिस स्टार रोजर फेडरर (Roger Federer) ने गुरूवार को पेशेवर टेनिस (Tennis) से संन्यास लेने की घोषणा की और कहा कि अगले हफ्ते लंदन में लेवर कप उनका विदाई टूर्नामेंट होगा. फेडरर ने 41 साल की उम्र में टेनिस को अलविदा कहने का फैसला किया. 20 ग्रैंडस्लैम खिताब जीत चुके फेडरर जुलाई 2021 में विम्बलडन में खेलने के बाद कोर्ट पर नहीं उतरे हैं. इसके बाद उनके घुटने की कई सर्जरी हुई. स्विस लेजेंड खिलाड़ी साल 1973 के बाद कुल 310 हफ्तों तक पेपरस्टोन एटीपी रैंकिंग्स में नंबर 1 पायदान पर रहने वाले पहला खिलाड़ी बना था लेकिन बाद में जोकोविच ने उन्हें पछाड़ दिया.

 

फेडरर ने सबसे अधिक विंबलडन पुरुष एकल खिताब (8) जीते हैं. उनके नाम छह ऑस्ट्रेलियन ओपन और पांच यूएस ओपन खिताब भी हैं. क्ले कोर्ट पर खेले जाने वाले फ्रेंच ओपन को फेडरर केवल एक बार ही जीत सके हैं.

 

 

 

महीनों तक किया राज
हालांकि फेडरर लगातार 237 हफ्तों तक नंबर पर पायदान पर बने रहे जो आज भी एक बड़ा रिकॉर्ड हैं. 2 फरवरी 2004 से लेकर 18 अगस्त तक 2008 तक फेडरर ऐसा कर चुके हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि, फेडरर की दिलचस्पी टेनिस के अलावा बैडमिंटन और बास्केटबॉल मे भी थी. यानी की ये खिलाड़ी इन दोनों खेलों में भी कमाल कर सकता था.

 

रोजर फेडरर का जन्म 8 अगस्‍त 1981 को स्विट्जरलैंड के बासेल में हुआ. उनके पिता रॉबर्ट फेडरर स्विस-जर्मन थे और मां साउथ अफ्रीका की. यही वजह है कि फेडरर के पास स्विट्जरलैंड और साउथ अफ्रीका दोनों देशों की नागरिकता है. फेडरर फ्रांस और जर्मनी के बॉर्डर बर्फेल्डन में बड़े हुए. फेडरर 1992 और 1993 में बासेल टेनिस टूर्नामेंट में बॉल ब्वाय भी रह चुके हैं.

 

बास्केटबॉल और बैडमिंटन भी खेलते थे रोजर
रोजर बचपन से ही स्विस आर्मड फोर्स में सर्विस करना चाहते थे लेकिन साल 2003 में उनके पास जरूरी कागज न होने के कराण उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया. इसके बाद उन्होंने सिविल प्रोटेक्शन फोर्स में सेवा दी. हालांकि यहां फेडरर बचपन में बैडमिंटन और बास्केटबॉल भी खेलचे थे. ऐसे में टेनिस में अगर वो इतने महान खिलाड़ी बने तो इसके पीछे उनका दूसरे खेलों में भी रुची लेना एक कारण है.

 

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