टीम इंडिया के पूर्व स्पिनर आर अश्विन ने रिटायरमेंट के बाद पहली बार इंटरव्यू दिया है और सवालों के जवाब दिए हैं. अश्विन ने उस वक्त फैंस और भारतीय क्रिकेटर्स को पूरी तरह चौंका दिया था जब उन्होंने ऐलान किया कि वो अब इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहने जा रहे हैं. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट गाबा के मैदान पर ड्रॉ हो गया जिसके बाद अश्विन ने फैसला लिया कि वो अब इस खेल को अलविदा कह देंगे. अश्विन टीम के कप्तान रोहित शर्मा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए और ऑफिशियल तौर पर ऐलान कर दिया. अश्विन टेस्ट में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं. पहले नंबर पर 765 विकेट के साथ कुबले हैं.
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रिटायरमेंट पर किया सबसे बड़ा खुलासा
अश्विन ने यहां स्काई स्पोर्ट्स क्रिकेट के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की जिसमें उन्होंने ये बताया कि उन्होंने क्यों रिटायरमेंट का फैसला लिया. अश्विन ने कहा कि, मैं कभी भी उन लोगों में से नहीं रहा जो चीजों को पकड़कर रखता हूं. मैंने जीवन में कभी भी असुरक्षित महसूस नहीं किया क्योंकि मुझे विश्वास नहीं होता कि आज मेरे पास जो है वह शायद कल मेरा होगा कि नहीं. मैं बस चीजों को जितना हो सके उतना बेपरवाही से पीछे छोड़ना चाहता था. मैं ये नहीं चाहता था कि लोग मेरे लिए जश्न मनाए. मैं उस तरह के ध्यान में विश्वास नहीं करता जो हमें कभी-कभी भारत में मिलता है.''
अश्विन ने आगे कहा कि, "यह खेल ही है जो हमेशा मेरे आगे खड़ा रहा है. क्योंकि अगर आप मुझे देखें, खेल के बारे में बात करें या उसका विश्लेषण करें. यह सब इस बारे में है कि मैं खेल से कितना प्यार करता हूं. यह इतना महत्वपूर्ण नहीं है कि इसके साथ क्या आता है. मुझे यकीन है कि मैं उन लोगों को जज नहीं कर रहा हूं जो इसके साथ आने वाली चीजों का आनंद लेते हैं, लेकिन यह मेरी यात्रा है और मैंने इस पर कई बार विचार किया है.
मेरी क्रिएटिविटी वाली नजर खत्म हो गई थी: अश्विन
पूर्व क्रिकेटर ने आगे कहा कि, "लेकिन एक बात जो मैंने हमेशा कही है, जिस दिन मैं जागूंगा और महसूस करूंगा कि क्रिएटिविटी वाली नजर का कोई भविष्य या दिशा नहीं है, तब मैं शायद इसे छोड़ दूंगा. मुझे निश्चित रूप से लगता है मेरी क्रिएटिविटी वाली साइड खत्म हो चुकी थी. और मुझे लगता है कि शायद यह मुझे थोड़ा उलझन में डाल रहा था."
बता दें कि अश्विन ने जून 2010 में डेब्यू किया और फिर साल 2011 में पहला टेस्ट खेला. उन्होंने 106 टेस्ट मैचों में 24 की औसत से 537 विकेट लेकर अपना टेस्ट करियर समाप्त किया. उन्होंने 37 बार पांच विकेट लिए और आठ बार टेस्ट में 10 विकेट लिए.
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