पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने भारत के खिलाफ ओवल टेस्ट के आखिरी दो सेशन में घबराहट और 'ज़्यादा जोखिम' उठाने की कोशिश के लिए इंग्लैंड की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि बल्लेबाजों ने 'ज़्यादा जोखिम भरे' शॉट खेले और किसी ने भी स्थिति को संभालने की जिम्मेदारी नहीं ली. उन्होंने आगे कहा कि अगर भारत इस तरह हार जाता, तो उसकी 'आक्रामकता' के लिए आलोचना होती, जबकि साउथ अफ्रीका को फिर से 'चोकर्स' करार दिया जाता.
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ओवल टेस्ट के चौथे दिन एक समय इंग्लैंड का स्कोर 301/3 था, उसे 73 रन चाहिए थे और छह विकेट बाकी थे. आकाशदीप ने हैरी ब्रूक को आउट किया, जबकि युवा जैकब बेथेल स्विंग करने की कोशिश में प्रसिद्ध कृष्णा की गेंद पर बोल्ड हो गए; जिससे मैच की गति बदल गई और भारत ने पांचवें दिन की शुरुआत 35 रनों के बचाव और चार विकेट लेने के साथ की. फिर भी पुरानी स्विंग लेती गेंद के सामने मेज़बान टीम लगातार गेंद को शरीर से दूर रखते हुए खेलती रही और छह रनों से हार गई.
वॉन ने द टेलीग्राफ में अपने कॉलम में लिखा कि इंग्लैंड भी दुर्भाग्यशाली रहा कि उसके पास बेन स्टोक्स नहीं थे और क्रिस वोक्स पहले दिन ही चोटिल हो गए. उन्होंने लिखा-
लेकिन सच तो यह है कि इंग्लैंड घबरा गया था. जैसे-जैसे वे 70 के करीब पहुंचते गए, उन्होंने ज़्यादा जोखिम उठाने की कोशिश की. आखिरी दिन उनका तरीका ग़लत था. यह बहुत जोखिम भरा था. अगर इसमें 15 ओवर लगते हैं, तो लगे. आपको पांच ओवरों में 35 रन बनाने की जरूरत नहीं है. बस एक स्थिर दिमाग की जरूरत थी. आखिरी सात विकेटों में से तीन विकेट ऐसे थे, जो तेज गेंदबाजों के सामने विकेट के नीचे नाच रहे थे. अगर भारत इस तरह हारता, तो हम कहते कि उन्होंने हार मान ली.
अगर साउथ अफ्रीका इस तरह हारता तो हम कहते कि उन्होंने हार मान ली. यह इतनी बुरी चूक थी. यह हार इंग्लैंड को सचमुच बहुत नुकसान पहुंचाएगी. जब आपको पता हो कि आपको मैच जीतना ही है, तो यह बहुत दर्दनाक होता है.
भारत ने ओवल टेस्ट में इंग्लैंड को 374 रन का टारगेट दिया था, जिसके जवाब में इंग्लिश टीम 367 रन पर ऑलआउट हो गई.
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