डेविड वॉर्नर का बल्ला जब गरजता है तो हर गेंदबाज कांपता है. वॉर्नर अपने आक्रामक खेल के लिए मशहूर हैं और सनराइजर्स हैदराबाद के लिए एक मैच विनर भी रहे. लेकिन इस बार के आईपीएल में इस खूंखार बल्लेबाज का बल्ला पूरी तरह से शांत है. उनकी बल्लेबाजी पहले जैसी बिल्कुल नहीं लग रही और उनकी फील्ड पर बॉडी लैंग्वेज भी बिल्कुल अलग कहानी बयां कर रही है. उनके खेल को देखकर कोई भी नहीं कह सकता कि यह वही वॉर्नर हैं जिन्होंने पिछले 6 आईपीएल सीजन में 500 से ज्यादा रन बनाए हैं. उन पर अब प्लेइंग इलेवन से बाहर होने की तलवार लटक रही है. 2016 में तो वॉर्नर एक अलग ही रूप में थे और उन्होंने अपनी कप्तानी में हैदराबाद को आईपीएल का विजेता बनाया था. उस सीजन उनके बल्ले से 848 रन निकले थे और वह सबसे ज्यादा रन बनाने में विराट कोहली के बाद दूसरे नंबर पर थे. वॉर्नर ने 2014 में 528, 2015 में 562, 2016 में 848, 2017 में 641, 2019 में 692 और 2020 में 548 रन बनाए थे. साल 2018 में वॉर्नर आईपीएल नहीं खेले थे.
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8 मैचों में सिर्फ 195 रन
डेविड वॉर्नर ने आईपीएल के मौजूदा सीजन में 8 मैच खेले हैं. इनमें उन्होने 24.37 की औसत से केवल 195 रन बनाए हैं. उनका स्ट्राइक रेट 107.73 का है जो अब तक का सबसे घटिया है. जो वॉर्नर अपने बल्ले से छक्कों की बौछार करते थे वह अभी तक केवल 6 छक्के ही लगा पाए हैं. वॉर्नर का लय में न होने का सीधा असर हैदराबाद के प्रर्दशन पर पड़ा है. वो जब भी रन बनाते थे टीम एक अच्छे स्कोर तक पहुँचती थी या फिर लक्ष्य आराम से चेज करती थी. इस बार टीम न तो बड़े स्कोर बना पा रही है और न ही लक्ष्य का पीछा कर पा रही है.
छोड़नी पड़ी थी कप्तानी
डेविड वॉर्नर के लिए यह आईपीएल एक बुरे सपने की तरह रहा. न तो उनके बल्ले से रन निकले न उनकी कप्तानी चली. इसके चलते हैदराबाद की कप्तानी उनसे लेकर केन विलियमसन को सौंप दी गई. इसके बाद वॉर्नर को खराब प्रर्दशन के चलते कुछ मैचों में टीम की शुरुआती XI में भी जगह नहीं मिली. वॉर्नर 2015 में हैदराबाद के कप्तान बने थे और 2016 में उनकी कप्तानी में हैदराबाद ने आईपीएल का खिताब जीता था. वॉर्नर ने 68 मैचों में हैदराबाद की कप्तानी की जिसमें टीम 35 मैच जीती और 30 हारी.
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