Exclusive: जब बेहद मजाकिया अंदाज में हरभजन सिंह से पहली बार मिले थे सचिन तेंदुलकर, नेट्स सेशन में लगा दी थी क्लास, VIDEO

सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) भारतीय क्रिकेट इतिहास के वो सितारे हैं जिन्होंने अपना नाम हमेशा के लिए सुनहरे अक्षरों में दर्ज करवा दिया है.

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सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) भारतीय क्रिकेट इतिहास के वो सितारे हैं जिन्होंने अपना नाम हमेशा के लिए सुनहरे अक्षरों में दर्ज करवा दिया है. सचिन आज भी अपने परिवार और कोच की बातों को नहीं भूले हैं. वो क्रिकेट को उतना ही सम्मान देते है जो वो 16 साल की उम्र में दिया करते थे. सचिन अपनी अनुशासन और दोस्ती के लिए जाने जाते हैं. युवराज सिंह, हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) और आशीष नेहरा ने जब से टीम में एंट्री की, इन सभी के साथ सचिन का याराना देखने लायक था.

 

ऐसी थी सचिन और भज्जी की पहली मुलाकात


इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बात करते हुए सचिन ने हरभजन सिंह को लेकर ऐसा खुलासा किया जो बेहद कम लोगों को पता है. सचिन ने कहा कि, जब मैं पहली बार हरभजन सिंह से मिला था तो बेहद मजाकिया अंदाज में मिला था. सचिन ने कहा कि, मुझे याद है. मैंने हरभजन सिंह को पहली बार मोहाली में देखा था. ये 90 के दशक की बात है. मुझे किसी ने कहा था कि भज्जी दूसरा शानदार फेंकते हैं. तो मैंने कहा कि, ठीक है भज्जी को नेट्स में बुलाओ.

 

सचिन ने आगे बताया कि, हर गेंद डालने के बाद वो वापस रन अप के लिए जाने की बजाय मेरे पास आ जाया करता था. और मुझसे कहता था, 'क्या पाजी'. जिसके बाद मैं उसे कुछ न कहकर वापस भेज देता था. इसके बाद जब भज्जी टीम में आया तब उसने मुझसे ये बात पूछी.

 

सचिन ने भज्जी को किया था स्लेज


भज्जी ने मुझसे पूछा कि, पाजी आपसे एक बात करनी है. आपको याद है जब आपको मोहाली में मैंने पहली बार गेंद डाली थी. अब मुझे पता चला कि आप अपना हेलमेट एडजस्ट करते थे और मेरे सामने ऐसा करते थे. ताकि मैं आपके पास आऊं और पूछूं कि क्या चाहिए पाजी. हालांकि भज्जी के इस सवाल पर मैंने कोई रिएक्शन नहीं दिया.

 

बता दें कि सचिन इकलौते ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने 200 टेस्ट खेले हैं. इंटरनेशनल रिटायरमेंट के बाद भी सचिन सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं. सिर्फ विराट कोहली ही मास्टर ब्लास्टर के करीब हैं. तेंदुलकर ने साल 1989 में डेब्यू किया था. इसके बाद वो टीम इंडिया के कप्तान भी बने. तेंदुलकर ने साल 1992 से लेकर 2011 तक वर्ल्ड कप खेला है. तेंदुलर ने साल 2012 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था.

 

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