पूर्व भारतीय स्टार इरफान पठान और यूसुफ पठान समाज सेवा, चैरिटी में सबसे आगे रहते हैं. पठान ब्रदर्स गरीब बच्चों की पढ़ाई, विधवाओं की मदद से लेकर बुजुर्ग कपल की देखभाल करने में पीछे नहीं हटते. इरफान भारत के लिए 29 टेस्ट, 120 वनडे और 24 टी20 मैच खेल चुके हैं. वहीं उनके बड़े भाई यूसुफ पठान ने 57 वनडे और 22 टी20 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया. मैदान पर अपने ऑलराउंड प्रदर्शन के धमाल मचाने वाले पठान ब्रदर्स लाखों लोगों की प्रेरणा बन चुके हैं. दोनों भाइयों के बीच गजब की बॉन्डिंग है और दोनों मिलकर समाज के लिए काफी काम भी कर रहे हैं, मगर उन्हें इस काम के लिए प्रेरणा अपने पिता से मिली. साल 2007 में उन्होंने अपने पिता के नाम से महमूद पठान चैरिटेबल ट्रस्ट की शुरुआत की थी.
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पठान ब्रदर्स अपने पिता महबूब खान के नाम से ट्रस्ट चलाते हैं. जिसमें वो अपनी कमाई का 40 से 50 फीसदी का योगदान देते हैं. ट्रस्ट के जरिए उनकी कमाई का इस्तेमाल गरीब बच्चों की पढ़ाई, हॉस्पिटल में कैंसर मरीजों की मदद, गरीब लोगों की आर्थिक मदद और उन बुजुर्ग लोगों की देखभाल में खर्च करते है, जिनकी देखभाल के लिए कोई नहीं है. एक इंटरव्यू में यूसुफ पठान ने बताया कि ट्रस्ट बनाने का आइडिया उनके पिता का ही था.
जरूरमंदों को मुहैया कराया ऑक्सीजन
जब पूरी दुनिया कोविड से जूझ रही थी, जब पूरी दुनिया में कोरोना ने तबाही मचा दी थी. अस्पताल के बेड मरीजों से भरे हुए थे. ऑक्सीजन, इंजेक्शन, दवाई के लिए देश में लोग जूझ रहे थे, उस वक्त पठान ब्रदर्स अपने पिता के साथ मिलकर लोगों की मदद के लिए आगे आए थे. उनका फाउंडेशन जरूरतमंदों को ऑक्सीजन मुहैया करा रहा था. इससे पहले पठान ब्रदर्स ने 4000 से ज्यादा मास्क डोनेट किए थे.
90 हजार परिवार की मदद
कोरोनाकाल में इरफान पठान ने सोशल मीडिया से हुई अपनी कमाई लोगों की मदद के लिए चैरिटी में डोनेट कर दी थी. इसके अलावा पठान ब्रदर्स ने खाना, राशन भी डोनेट करके करीब 90 हजार परिवार की मदद की थी. साउथ दिल्ली में पठान क्रिकेट एकेडमी ने कोविड से प्रभावित लोगों को मुफ्त में खाना उपलब्ध कराया था.
2018 में केरल में आई बाढ़ में भी पठान ब्रदर्स ने आगे बढ़कर लोगों की मदद की थी. उन्होंने बाढ़ से प्रभावित लोगों की दवाई, खाना, इनरवियर, चप्पल, कंबल समेत काफी चीजों से मदद की थी. पठान ब्रदर्स रमजान में जरूरतमंद महिलाओं को अनाज देते हैं, ताकि वो इफ्तारी कर सकें.
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