श्रीलंकाई क्रिकेट टीम धार्मिक समुदाय के दखल के चलते टी20 वर्ल्ड में फेल रही? सामने आई रिपोर्ट

टी20 वर्ल्ड कप 2022 में श्रीलंका के खराब प्रदर्शन के बाद आरोप लगे थे कि इस टूर्नामेंट के लिए खिलाड़ियों का चयन एक धार्मिक समुदाय से प्रभावित होकर किया गया था.

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टी20 वर्ल्ड कप 2022 में श्रीलंका के खराब प्रदर्शन के बाद आरोप लगे थे कि इस टूर्नामेंट के लिए खिलाड़ियों का चयन एक धार्मिक समुदाय से प्रभावित होकर किया गया था. इस ग्रुप का नाम 'Born Again' था. अब श्रीलंका क्रिकेट की पांच सदस्यीय कमिटी की इस मामले में रिपोर्ट आई है. इसमें कहा गया है कि कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं कि टीम का सेलेक्शन 'Born Again' से प्रभावित था. कमिटी ने अपने फैसले में कहा कि यह तय करना संभव नहीं है कि उस ग्रुप के प्रभाव से टीम के प्रदर्शन पर फर्क पड़ा क्योंकि कुछ खिलाड़ियों ने अपने करियर के भविष्य के डर के चलते सबूत देने से दूरी बरती.

 

टी20 वर्ल्ड कप में श्रीलंकाई टीम सुपर-12 से बाहर हो गई थी. टीम बड़ी मुश्किल से क्वालिफाई कर पाई थी. उसे नामीबिया के हाथों भी हार झेलनी पड़ी थी. वर्ल्ड कप से कुछ समय पहले ही टीम ने एशिया कप जीता था.

 

क्या है बॉर्न अगेन

'Born Again' मूवमेंट एक ईसाई धार्मिक ग्रुप है जिसकी स्थापान 1968 में पीटर शू यॉन्गजी ने चाइनीज कल्चरल रिवॉल्यूशन के दौरान की थी. इस ग्रुप को वर्ड ऑफ लाइफ चर्च या ऑल रेंजेज चर्च के नाम से भी जाना जाता है. श्रीलंकाई क्रिकेट के पैनल का गठन नवंबर में टी20 वर्ल्ड कप के बाद हुआ था. इसे वर्ल्ड कप में हार,  2014 टी20 वर्ल्ड कप जीत और 'Born Again' के प्रभाव का पता लगाने को कहा गया था. इस पैनल ने सभी पार्टियों से सतर्क रहने को कहा है. साथ ही सुझाव दिया कि टीम किसी भी दौरे पर जाने से पहले बौद्ध साधुओं से आशीर्वाद लेना फिर से शुरू करे. ऐसा विवादों से बचने के लिए किया जाए. ऑस्ट्रेलिया में टी20 वर्ल्ड कप खेलने गई श्रीलंकाई टीम के खिलाड़ी दनुष्का गुणातिलका रेप के आरोप में गिरफ्तार किए गए थे.

 

पैनल ने कहा कि टीम में 'Born Again' मूवमेंट के असर को रोकने के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है.  वहीं खिलाड़ियों के जानकारी नहीं देने के बारे में पैनल ने लिखा, ऐसा महसूस हुआ है कि कुछ खिलाड़ियों ने अपने करियर के भविष्य के डर से सबूत देने से दूरी बनाई. इस ग्रुप के सदस्यों ने टीम के कुछ बौद्ध खिलाड़ियों से संपर्क साधा था ताकि उन्हें प्रभावित किया जा सके. इनमें से एक खिलाड़ी तो इस ग्रुप की विचारधारा में मानने भी लगा था. पैनल ने एक सीनियर मैनेजर की पॉजीशन बनाने का सुझाव भी दिया है. 

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