विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है. कोहली 10,000 टेस्ट रन पूरे करने से सिर्फ 970 रन दूर थे लेकिन इसके बिना ही कोहली ने इस फॉर्मेट को छोड़ दिया. 2011 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने के बाद से कोहली ने 123 मैचों में 46.85 की औसत से 9,230 रन बनाए हैं और 30 शतक और 31 अर्द्धशतक लगाए हैं, जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 254 रन रहा है.
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विराट के अलावा रोहित शर्मा भी इस फॉर्मेट को छोड़ चुके हैं. ऐसे में अब सवाल उठे रहे हैं कि इंग्लैंड दौरे पर युवा टीम क्या कमाल करेगी. वहीं रोहित की गैरमौजूदगी में टीम इंडिया का अगला टेस्ट कप्तान कौन होगा. इन्हीं सवालों के जवाब सुनील गावस्कर ने दिए हैं. गावस्कर ने स्पोर्ट्स तक से एक्सक्लूसिव बातचीत में सबकुछ बता दिया.
'विराट कोहली इंग्लैंड जाकर शतक लगाना चाहता था', पूर्व कप्तान के रिटायरमेंट पर चौंकाने वाला खुलासा, हेड कोच ने खोले पत्ते
सवाल- जवाब
क्या आपको विराट के रिटायरमेंट की उम्मीद थी?
देखिए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जो हुआ उससे कुछ मैसेज मिल रहे थे. सबको पता था कि टेस्ट चैंपियनशिप का साइकिल शुरू होगा. और हमें लग रहा था कि कुछ बदलाव होंगे.
रोहित की फिटनेस को लेकर जब गावस्कर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, हर किसी का अपना कारण होता है. जब आप बचपन में होते हो तब आप ये खेल क्यों शुरू करते हो. क्योंकि आपको आनंद मिलता है. इंटरनेशनल क्रिकेटर बनने के बाद भी आपको आनंद मिलता है. लेकिन जब आप इसे नौकरी की तरह देखते हो तो फिर आप इसे अलविदा कहने की सोचते हो.
क्या विराट कोहली को इंग्लैंड जाना चाहिए था?
मुझे लगता है कि विराट कोहली और रोहित शर्मा दोनों को इंग्लैंड दौरा खेलना चाहिए था. दोनों काफी जोशीले क्रिकेटर थे. उसमें जो फैसला होता है वो खुद का होता है. और अगर इंग्लैंड की ये सीरीज 3 मैचों की होती तो कुछ और होता. लेकिन ये 5 मैचों की सीरीज है और 6 हफ्ते तक खेला जाएगा. यही कारण है कि दोनों ने रिटायरमेंट का ऐलान किया है.
विराट कोहली को आप कहां देखते हैं?
मैं उन्हें बेहद ऊपर देखता हूं. क्योंकि उन्होंने तीनों फॉर्मेट में कमाल किया और लगातार रन बनाए हैं. कई शतक लगाए हैं. इतनी महान पारियां उन्होंने खेलीं और भारतीय क्रिकेट के लिए अहम योगदान दिया. मैं चाहता था कि कोहली 10,000 रन बनाते लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.
विराट और रोहित की खराब फॉर्म पर आप क्या सोचते हैं?
देखिए क्रिकेट यही खेल है. 99 रन आप बना लेते हो लेकिन 1 रन बनाकर ही आप 100 रन पूरे करते हो. ये क्रिकेट खेल ही ऐसा है. कभी अच्छा होगा और कभी बुरा. कई बार आप नॉनस्ट्राइकर एंड पर ही रह जाते हो. यही कारण है कि दोनों ने ये सोचा होगा कि हम जैसा पहले खेलते थे अब नहीं खेल पा रहे हैं और यही कारण है कि उन्होंने ये फैसला लिया.
रोजर फेडरर और राफेल नडाल से रोहित- विराट की तुलना
सुनील गावस्कर ने विराट कोहली और रोहित शर्मा की तुलना रोजर फेडरर और राफेल नडाल से की. गावस्कर ने कहा कि, दोनों ने अपने करियर में काफी कुछ हासिल किया लेकिन बाद में दोनों अच्छा नहीं खेल पाए. कई सवाल भी उठे. खिलाड़ी को पता होता है कि उसका स्टैंडर्ड क्या होता है. और यही कारण होता है कि वो खेल छोड़ देता है.
क्या इंग्लैंड दौरे पर युवा टीम संघर्ष करेगी?
ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले भी लोग यही कहते थे और टीम ने पहला मैच जीता था. ऐसे में युवा खिलाड़ियों में दम है और उनके पास अनुभव है. जायसवाल, राहुल, पंत, गिल और करुण नायर जैसे खिलाड़ी हैं. ऑप्शन हैं लेकिन देखना होगा कि क्या ये लोग रोहित और विराट के जूतों में फिट हो पाएंगे.
किसे मिलेगा नंबर 4?
मुझे लगता है कि ये शायद केएल राहुल, श्रेयस अय्यर या फिर ऋषभ पंत आ सकते हैं. लेकिन इस गैप को भरना बेहद मुश्किल होगा. भारतीय फैंस को सब्र करना होगा. क्योंकि हमने जो सचिन, रोहित और विराट के बल्ले से देखा है वैसा प्रदर्शन देखने के लिए हमें इन खिलाड़ियों को थोड़ा समय देना होगा.
क्या शुभमन गिल को अगला टेस्ट कप्तान बनाना चाहिए?
देखिए यहां तो जसप्रीत बुमराह को टीम का कप्तान बनाना चाहिए क्योंकि वो उपलब्ध हैं और उन्हें अपने शरीर के बारे में पता है. अगर कोई और कप्तान होगा तो इससे बुमराह पर दबाव बनेगा और इससे दिक्कत हो सकती है. क्योंकि हर कप्तान यही सोचेगा कि वो बुमराह से एक और विकेट और निकला ले और खिलाड़ी तभी चोटिल होता है. वहीं बुमराह कप्तान होंगे तो उन्हें पता होगा कि वो कहां तक जा सकते हैं. सेलेक्शन कमिटी को बुमराह से पूछना चाहिए कप्तानी को लेकर. और बुमराह इसमें पूरी तरह फिट बैठते हैं.
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