विनेश फोगाट को पेरिस ओलिंपिक में 100 ग्राम वजन अधिक होने के चलते गोल्ड मेडल मैच से ठीक पहले डिस्क्वालीफाई कर दिया गया, जिस वजह से उनका भारत के लिए गोल्ड जीतने का सपना भी चकनाचूर हो गया था. उन्होंने वीमेंस 50 किग्रा वेट कैटेगरी के फाइनल में पहुंचकर अपना मेडल पक्का किया गया था. फाइनल में उनका सामना अमेरिका की सारा से होना था, मगर गोल्ड मेडल मैच से ठीक पहले उनका वजन तय लिमिट से 100 ग्राम अधिक पाया गया, जिस वजह से उन्हें डिस्क्वालीफाई कर दिया गया.अब वर्ल्ड रेसलिंग गर्वनिंग बॉडी यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग पेरिस ओलिंपिक में देखी गई कई बातों के बाद नियम में बदलाव कर सकती है.
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सोर्स ने बताया कि वर्ल्ड रेसलिंग पहलवानों की सेफ्टी और सेहत को ध्यान में रखते हुए वजन माप के नियम को शायद थोड़ा मोडिफाई कर सकती है. ये बदलाव जल्द ही प्रभाव में आ सकते हैं. फोगाट के डिस्क्वालीफिकेशन के बाद इस डवलपमेंट की चर्चा चल रही है. दरअसल सेमीफाइनल के बाद उनका वजन दो किलो से ज्यादा बढ़ गया था, जिसके बाद उन्होंने पूरी रात जागकर पसीना बहाया, मगर फिर भी वेट इन के वक्त वो 100 ग्राम ज्यादा रहीं. जिसके बाद भारतीय पहलवान ने सिल्वर मेडल की मांग करते हुए CAS में अपील दायर की. उनका कहना है कि वो सिल्वर मेडल की हकदार हैं. बीते दिनों उनके इस मामले पर करीब तीन घंटे बहस हुई. जिस पर जल्द ही फैसला आ सकता है.
सिल्वर मेडल की मांग
विनेश डिस्क्वालीफाई होने के कारण गोल्ड मेडल मैच नहीं खेल पाई थीं. जिसके बाद ओलिंपिक बॉर्ड क्यूबा की पहलवान गुजमान को फाइनल में उतारा, जिन्हें सेमीफाइनल में फोगाट ने धूल चटाई थी. विनेश ने अपील की है कि उन्हें संयुक्त सिल्वर मेडल दिया जाए. यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग वर्ल्ड कप समेत कुछ अन्य बड़े इवेंट्स में 2 किलो वजन की अनुमति देता है, लेकिन ओलिंपिक खेलों में इसके काफी सख्त नियम हैं. महान अमेरिकी पहलवान जॉर्डन बरोज उन कई लोगों में से हैं, जिन्होंने विनेश को सपोर्ट किया.
बरोजज ने सुझाव दिया है कि वेट-इन के दूसरे दिन एक किलोग्राम की अनुमति दी जा सकती है. UWW प्रमुख नेनाद लालोविच ने इंडिया टुडे के साथ बातचीत में इस मामले पर अपनी बात रखी. लालोविच ने विनेश के लिए सहानुभूति जताई, मगर कहा कि नियम पहले से ही निर्धारित थे और सभी को उनका सम्मान करना चाहिए. हमें नियमों का सम्मान करना होगा. उनके साथ जो हुआ, उससे मैं बहुत दुखी हूं. वो बहुत कम ओवरवेट थीं, लेकिन नियम तो नियम हैं और सब कुछ सार्वजनिक है. सभी एथलीट वहां हैं और किसी ऐसे व्यक्ति को प्रतिस्पर्धा में शामिल होने देना असंभव है जो वजन के हिसाब से नहीं है.
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