CWG vs Asian Games : एशियन गेम्स के इन 3 खेलों में भारत क्यों नहीं लगा पाता मेडल की झड़ी, कॉमनवेल्थ गेम्स में गाड़ दिए झंडे

23 सितंबर से 8 अक्टूबर तक चीन में इस बार एशियन गेम्स का 19वां एडिशन खेला जाना है.

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एशियन गेम्स (Asian Games) इस साल 2023 में 23 सितंबर से 8 अक्टूबर तक चीन में खेले जाने हैं. जिसके लिए भारत के सभी एथलीट इन दिनों पूर जोर तैयारी में जुटे हुए हैं. भारत की बात करें तो कॉमनवेल्थ गेम्स में अभी तक भारतीय एथलीट कुल 506 मेडल (203 गोल्ड, 190 सिल्वर, 171 ब्रांज) मेडल अपने नाम कर चुके हैं. जिसके चलते सबसे अधिक पदक जीतने के मामले में भारत चौथे स्थान पर है. वहीं इसकी तुलना अगर एशियन गेम्स से की जाए तो यहां पर पदक जीतने के में भारतीय एथलीट को ज्यादा मेहनत करनी पड़ी है. जिसमें भारत सबसे अधिक पदक जीतने के मामले में 5वें स्थान पर है और अभी तक 672 मेडल (155 गोल्ड, 201 सिल्वर, 316 ब्रांज) अपने नाम कर चुके हैं. इस बीच तीन ऐसे खेलों के आंकड़े सामने आए हैं. जिसमें कॉमनवेल्थ गेम्स की बजाए. एशियन गेम्स में मेडल जीतने के लिए भारत को ज्यादा टक्कर मिलती है.

 

रेसलिंग में पदक जीतने के लिए बहाना होगा पसीना 


भारतीय रेसलिंग में बजरंग पूनिया, साक्षी मालिक, विनेश फोगाट सहित तमाम पहलवान अब एशियन गेम्स की तैयारी में जुट गए हैं. कॉमनवेल्थ गेम्स में पहलवानों ने अभी तक कुल 114 मेडल अपने नाम किए हैं . जिसमें वह वर्ल्ड में सिर्फ कनाडा से ही पीछे हैं. जबकि एशियन गेम्स की बात करें तो रेसलिंग मैट पर भारत को साउथ कोरिया और ईरान के पहलवानों से कड़ी टक्कर मिलती है. पिछले एशियन गेम्स में भारत ने जहां सिर्फ तीन पदक रेसलिंग में जीते थे. वहां कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत ने रेसलिंग में 12 मेडल अपने नाम किए थे. जबकि एशियन गेम्स में भारतीय पहलवान सिर्फ 59 मेडल ही अपने नाम कर सके हैं.

 

वेटलिफ्टिंग भी एशियन गेम्स में पड़ती है भारी 


भारत की स्टार महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलिंपिक 2022 में दमदार प्रदर्शन करके सिल्वर मेडल हासिल किया था. जिसके बाद अब उनसे एशियन गेम्स में भी काफी उम्मीदें होंगी. लेकिन एशियन गेम्स में मीराबाई चानू को चीन की वेटलिफ्टर वर्ल्ड चैंपियन जियांग हुईआ और टोक्यो ओलिंपिक 2022 में गोल्ड मेडल जीतने वाली होउ झिहुई से कड़ी टक्कर मिलेगी. इसके अलावा एशियन गेम्स के इतिहास में कजाखस्तान, ईरान और चीन जैसे देशों के रिकॉर्ड-तोड़ प्रदर्शन ने भारत को इस खेल में पदक से दूर रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. यही कारण है कि भारत अभी तक 5 सिल्वर मेडल और 9 ब्रांज मेडल के साथ वेटलिफ्टिंग में अभी तक एशियन गेम्स में एक भी गोल्ड नहीं जीत सका है. जबकि कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत अभी तक कुल 133 मेडल जीत चुका है और उसके नाम 43 गोल्ड मेडल हैं.

 

बॉक्सिंग में भी मिलती है कड़ी टक्कर 


भारतीय बॉक्सिंग में अमित पंघाल, निकहत जरीन ने पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स में बेहतरीन प्रदर्शन किया था. साल 2022 CWG में भारतीय मुक्केबाजों ने तीन मेडल (एक गोल, एक सिल्वर, एक ब्रांज) जीता था. इस तरह CWG और एशियन गेम्स की बात करें तो दोनों खेलों में भारतीय मुक्केबाजों ने कहीं न कहीं दमदार प्रदर्शन किया है. फिर भी इस बार एशियन गेम्स में मेडल जीतने के लिए भारतीय मुक्केबाजों को दमखम दिखाना होगा. मुक्केबाजी में भारत ने एशियन गेम्स में अभी तक जहां 57 मेडल अपने नाम किए हैं. वहीं CWG में 44 मेडल अपने नाम कर चुके हैं. भारत अभी मुक्केबाजी में पदक जीतने के मामले में एशियन गेम्स में 8वें स्थान पर है. भारत को एशियन गेम्स में उज्बेकिस्तान, साउथ कोरिया, थाईलैंड, चीन और कजाखस्तान के मुक्केबाजों से कड़ी टक्कर मिलती है. भारत अभी तक मुक्केबाजी में एशियन गेम्स में सिर्फ 9 गोल्ड मेडल ही हासिल कर सका है. 

 

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