Vinesh Phogat Injury: विनेश फोगाट एशियन गेम्स 2023 से बाहर हो गई हैं. ट्रेनिंग के दौरान उनके बाएं पैर के घुटने में चोट लगी. उन्हें अब सर्जरी करानी होगी. विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया के जरिए यह जानकारी दी. विनेश घुटने में चोट की वजह से वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी हिस्सा नहीं ले पाएंगी. उनका लक्ष्य अब 2024 पेरिस ओलिंपिक हैं. उनके बाहर होने से अब अंतिम फोगाट को एशियन गेम्स के लिए चुना जा सकता है. विनेश को महिलाओं के 53 किलो भार वर्ग में एशियन गेम्स के लिए सीधा प्रवेश दिया गया था. इस पर काफी विवाद हुआ था.
ADVERTISEMENT
विनेश ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी चोट के बारे में बताया, 'मैं एक दुखद खबर साझा करना चाहती हूं. दो दिन पहले 13 अगस्त को मुझे ट्रेनिंग के दौरान बाएं घुटने में चोट लगी. इसके बाद स्कैन और टेस्ट हुए, डॉक्टर ने कहा कि बदकिस्मती से सर्जरी ही इकलौता रास्ता है. 17 अगस्त को मुंबई में मेरी सर्जरी है.'
एशियन गेम्स से बाहर होने पर विनेश ने क्या कहा
विनेश ने एशियन गेम्स में हिस्सा नहीं ले पाने पर निराशा जाहिर की. उन्हें इस बार 53 किलो कैटेगरी में गोल्ड मेडल के बचाव के लिए उतरना था. उन्होंने कहा, '2018 में जकार्ता में जीते गए एशियन गेम्स गोल्ड मेडल को बरकरार रखना मेरा सपना था. लेकिन दुर्भाग्य से इस चोट ने मुझे हिस्सा लेने से रोक दिया है. मैंने फौरन ही संबंधित अधिकारियों को जानकारी दे दी जिससे कि रिजर्व खिलाड़ी को एशियन गेम्स के लिए भेजा जा सके. अंतिम पंघाल (महिला 53 किग्रा) स्टैंडबाय खिलाड़ी हैं, उन्होंने इस कैटेगरी में एशियन गेम्स का ट्रायल जीता था.'
विनेश ने फैंस से अपील करते हुए कहा कि वे पहले की तरह उनका सपोर्ट करें. उनका ध्यान अब पेरिस ओलिंपिक पर हैं.
बजरंग और विनेश को रेसलिंग फेडरेशन की एडहॉक कमिटी ने बिना ट्रायल के लिए एशियन गेम्स के लिए चुना था. इस फैसले की आलोचना हुई थी और कुश्ती बिरादरी के एक वर्ग ने इसे पक्षपातपूर्ण करार दिया था. अंतिम पंघाल समेत कई पहलवानों ने इसके खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली थी. अदालत ने कहा कि बजरंग और विनेश कुश्ती के मशहूर खिलाड़ी हैं और विश्व की टॉप 10 रैंकिंग में शामिल हैं जिससे उन्हें सीधे प्रवेश देने का फैसला मनमाना नहीं कहा जा सकता. इससे पहले विनेश दिल्ली में ब्रजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर रही थीं. उनके साथ बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक भी 21 अप्रैल से 28 मई तक जंतर मंतर पर धरने पर थे.
ये भी पढ़ें
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने WFI के चुनावों पर लगाई रोक, 12 अगस्त को होना था मतदान
HS Prannoy: एचएस प्रणय पेरिस ओलिंपिक के बजाए बैडमिंटन रैंकिंग पर क्यों लगा रहे ध्यान, बताई वजह
ADVERTISEMENT