जायसवाल को आउट देने के बाद भारतीय फैंस से लेकर पूर्व क्रिकेटर्स तक थर्ड अंपायर पर गुस्सा हैं. सभी का यही कहना है कि जब स्निको मीटर में कुछ भी हलचल नहीं दिखी तो अंपायर ने जायसवाल को कैसे आउट कर दिया. 71वें ओवर के दौरान पैट कमिंस गेंदबाजी कर रहे थे और तभी यशस्वी जायसवाल ने लेग साइड में शॉट खेलने की कोशिश की लेकिन वो इसमें कामयाब नहीं हो पाए. हालांकि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को लगा कि उनके ग्लव्स पर गेंद लगी है. ऐसे में कमिंस ने अंपायर से अपील की और फिर फैसला थर्ड अंपायर पर गया. अंत में थर्ड अंपायर ने देखा कि बैट के पास गेंद जाते ही घूम गई और इसी के आधार पर उन्हें आउट दिया गया.
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बीसीसीआई ने अब यशस्वी जायसवाल का सपोर्ट किया है. बीसीसीआई के वाइस प्रेसिडेंट राजीव शुक्ला ने कहा है कि, यशस्वी जयसवाल स्पष्ट रूप से आउट नहीं थे. थर्ड अंपायर को इस बात पर ध्यान देना चाहिए था कि तकनीक क्या संकेत दे रही थी. फील्ड अंपायर को ओवर रूलिंग देते समय थर्ड अंपायर के पास ठोस कारण होने चाहिए थे.
कमिंस की गेंद पर हुई तगड़ी अपील
दरअसल, पारी के 71वें ओवर में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस गेंदबाजी कर रहे थे. तभी कमिंस ने अपने ओवर की पांचवीं शॉर्ट पिच गेंद फेंकी. ये गेंद यशस्वी के बल्ले से बेहद करीब से गुजरी और विकेटकीपर एलेक्स कैरी ने कैच लेकर जोरदार अपील की. मैदानी अंपायर ने इसे नॉट आउट करार दिया और ऑस्ट्रेलिया ने रिव्यू लिया.
ऑस्ट्रेलिया ने लिया रिव्यू और पलटा फैसला
ऑस्ट्रेलिया के रिव्यू लेने पर जब थर्ड अंपायर ने इसे चेक किया तो सामने आया कि गेंद जब यशस्वी के बल्ले के करीब से निकल रही थी तो स्निको मीटर पर सीधी लाइन थी और कोई हलचल कैद नहीं हुई. जबकि यशस्वी का विकेट फिर से चेक किया गया तो थर्ड अंपायर ने बिना ठोस सबूत के पाया कि गेंद बल्ले से टच हो रही है और उनको आउट करार दे दिया. ऑस्ट्रेलिया में थर्ड अंपायर के इसी फैसले पर हंगामा मच गया और बवाल खड़ा हो गया. जबकि यशस्वी भी नाराज नजर आए और अंपायर से बहस करके पवेलियन चले गए. जिससे भारत का 140 रन पर सातवां विकेट गिरा.
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