भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले पर्थ में 15 नवंबर से मैच सिम्युलेशन (वास्तविक मैच जैसे हालात) शुरू किया. इसमें भारतीय बल्लेबाजों को तेज और उछालभरी गेंदों ने खूब परेशान किया. इसमें विराट कोहली, शुभमन गिल, ऋषभ पंत, यशस्वी जायसवाल और ध्रुव जुरेल की एक-एक कर पोल खुल गई. ये सभी बल्लेबाज विकेटों के पीछे लपके गए. सबके आउट होने का तरीका कमोबेश एक ही तरह का था. वहीं केएल राहुल चोटिल हो गए. वे प्रसिद्ध कृष्णा की उछालभरी गेंद पर हाथ चोटिल करवा बैठे. मैच सिम्युलेशन के दौरान भारत के बड़े बल्लेबाजों को मुकेश कुमार, नवदीप सैनी, प्रसिद्ध कृष्णा और नीतीश कुमार रेड्डी ने बॉलिंग की. सेंटर विकेट पर हो रही इस तैयारी ने भारतीय बल्लेबाजों को बता दिया कि आगे कैसे हालात रहने वाले हैं. भारतीय टीम ने पर्थ में होने वाले पहले टेस्ट की तैयारी के लिए इंडिया ए के साथ तीन दिन के वॉर्म अप मैच की जगह मैच सिम्युलेशन करने को प्राथमिकता दी थी.
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पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर वाका में भारतीय टीम का अभ्यास चल रहा है. इसके तहत जायसवाल और राहुल ओपनिंग करने के लिए उतरे. लेकिन एक उछालभरी गेंद पर राहुल चोटिल हो गए और उन्हें बैटिंग छोड़नी पड़ी. राहुल ने पहले फिजियो की मदद ली लेकिन उनका दर्द कम नहीं हुआ. उनकी कोहनी के पास गेंद लगी थी.
जायसवाल-कोहली अच्छी शुरुआत के बाद निपटे
जायसवाल अच्छे रंग में दिख रहे थे. उन्होंने पहले ही ओवर में चौका लगाया था. लेकिन फुल लैंथ पर मिली गेंद पर ड्राइव करते हुए वे विकेट के पीछे लपके गए. जायसवाल ने 15 रन बनाए. उन्हें नवदीप सैनी ने आउट किया. विराट कोहली को भी शुरू में उछाल और रफ्तार से कोई दिक्कत नहीं हुई. उन्होंने दो कमाल के शॉट खेले और चौके बटोरे. लेकिन 15 के स्कोर पर मुकेश कुमार की ऑफ स्टंप से बाहर मिली गेंद को छेड़ते हुए दूसरी स्लिप में कैच दे बैठे.
ऋषभ पंत ने अपने ही अंदाज में खेलना शुरू किया. वे आक्रामक रवैए के साथ उतरे थे. लेकिन शॉर्ट ऑफ लैंथ गेंदों के सामने लड़खड़ाते दिखे. आखिरकार 19 के स्कोर पर नीतीश रेड्डी ने उन्हें बोल्ड कर दिया. शुभमन और जुरेल भी विकेट के पीछे लपके गए. हालांकि यह साफ नहीं हो पाया कि इन्होंने कितने रन बनाए और किसने इन्हें आउट किया. हालांकि पर्थ के मैदान में आमतौर पर जिस तरह से विकेट गिरते हैं वैसे ही भारतीय बल्लेबाज आउट हुए. ऑप्टस स्टेडियम में उछाल और बाउंस के जरिए गेंदबाजों को कामयाबी मिलती है.