ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने यशस्वी जायसवाल के विवादित विकेट पर मेलबर्न टेस्ट जीत के बाद बड़ा बयान दिया है. कमिंस ने भी कहा कि अल्ट्रा एज तकनीक पर पूरा भरोसा जताना मुश्किल है. दरअसल जायसवाल आखिरी दिन 84 रन पर खेल रहे थे, उन्होंने कमिंस की शॉर्ट पिच गेंद को पुल करने की कोशिश की, लेकिन गेंद कैरी के पास चली गई. मैदानी अंपायर जोएल विल्सन ने ऑस्ट्रेलिया की अपील को ठुकरा दिया, इसके तुरंत बाद कमिंस में रिव्यू लिया.
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स्निको (आवाज की रीडिंग दिखाने वाली तकनीक) पर कोई हरकत नहीं दिखने के बाद भी तीसरे अंपायर शरफुद्दौला ने जायसवाल को आउट करार दिया. शरफुद्दौला ने स्निको में कोई हरकत नहीं दिखने के बावजूद जायसवाल के बल्ले या ग्लव्स से टकराकर गेंद के ‘डिफ्लेक्ट (दिशा में मामूली बदलाव)’ होने का हवाला देकर उन्हें आउट करार दिया. इसके बाद इस मामले को लेकर विवाद शुरू हो गया. कमिंस ने ऑस्ट्रेलिया की चौथे टेस्ट मैच में 184 रन से जीत के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा-
ये साफ लग रहा था कि जायसवाल ने गेंद को हिट किया है. हमने आवाज सुनी और गेंद की दिशा में बदलाव भी देखा.इसलिए यह पूरी तरह से स्पष्ट था कि उन्होंने गेंद को हिट किया. हमने जैसे ही रिव्यू लिया, आप देख सकते हैं कि उन्होंने अपना सर झुका दिया था. यह इसकी स्वीकृति थी कि उन्होंने गेंद को हिट किया है. आप स्क्रीन पर भी देख सकते थे कि उन्होंने गेंद को हिट किया है.
कमिंस ने हालांकि स्पाइक का पता लगाने में अल्ट्रा एज के लिए इस्तेमाल की जा रही तकनीक की क्वालिटी पर नाराजगी व्यक्त की. उनका कहना है कि जायसवाल ने गेंद को हिट तो किया था, मगर हकीकत में स्निको में कुछ दिखा नहीं था. उन्होंने कहा-
अल्ट्रा-एज… मुझे नहीं लगता कि किसी को इस पर पूरा भरोसा है और वास्तव में बहुत कुछ नहीं दिखा, लेकिन सौभाग्य से यह दिखाने के लिए पर्याप्त अन्य सबूत हैं कि यह स्पष्ट रूप से सामने आ गया है.
जायसवाल के पवेलियन लौटने के बाद ही टीम इंडिया की जीत की आखिरी उम्मीद भी टूट गई थी.जायसवाल के रूप में भारत को 140 रन के स्कोर पर 7वां झटका लगा था और फिर देखते ही देखते 155 रन के स्कोर पर पूरी टीम आउट हो गई.
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