'अगर हार्ड बनी तो बल्ले टूट जाएंगे', शुभमन गिल ने की ड्यूक्स बॉल के जल्दी मुलायम होने की शिकायत तो गेंद बनाने वाली कंपनी से आया जवाब

क्रिकेट में तीन तरह की गेंद से टेस्ट क्रिकेट खेला जाता है. इंग्लैंड में क्रिकेट ड्यूक गेंद से खेला जाता है. भारत में एसजी गेंद इस्तेमाल होती है तो ऑस्ट्रेलिया में कुकाबुरा से खेल होता है.

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शुभमन गिल ने ड्यूक्स गेंद की आलोचना की थी.

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इंग्लैंड में इस्तेमाल होने वाली ड्यूक्स गेंद बनाने वाली कंपनी के मालिक दिलीप जाजोदिया हैं.

शुभमन गिल ने एजबेस्टन टेस्ट के बाद ड्यूक्स गेंद की कमी बताई थी.

भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज के दौरान ड्यूक्स गेंद को लेकर काफी शिकायत रही है. दोनों ही टीमों की ओर से कहा गया कि यह गेंद पहले की तुलना में जल्दी नरम हो जाती है. इससे गेंदबाजों को समस्या होती है. अब ड्यूक्स गेंद बनाने वाली कंपनी के मालिक दिलीप जाजोदिया ने इस बारे में जवाब दिया है. उनका कहना है कि अब बल्ले भी पहले की तुलना में बदल गए हैं इससे भी गेंद का आकार बदल जाता है. जाजोदिया ने साथ ही कहा कि अगर वह बहुत ज्यादा हार्ड गेंद बनाएंगे तो बल्ले टूट जाएंगे.

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एजबेस्टन टेस्ट के बाद भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने ड्यूक्स गेंद पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने कहा था, गेंदबाजों के लिए बहुत मुश्किल हो गई है. मुझे लगता है कि विकेट से ज्यादा शायद गेंद बहुत जल्दी खराब हो जा रही है. यह जल्दी नरम हो जाती है. मुझे पता नहीं कि विकेट या किस वजह से ऐसा होता है. यह गेंदबाजों के लिए दिक्कत है. ऐसे हालात में जब कुछ नहीं होता है तब विकेट लेना बहुत मुश्किल हो जाता है.

'क्रिकेट गेंदों की हर वक्त आलोचना होती है'

 

जाजोदिया ने ड्यूक्स गेंदों को लेकर उठ रहे सवालों पर कहा, 'क्रिकेट गेंदों की हर वक्त आलोचना हो रही होती है. केवल ड्यूक्स ही नहीं बल्कि एसजी, कुकाबुरा के साथ भी होता है. टेस्ट क्रिकेट के लिए नई गेंद देनी होती है. यह प्राकृतिक कच्चे माल से बनती है तो 100 फीसदी गारंटी नहीं दे सकते कि हर गेंद सही होगी. इस ग्रह पर कोई भी ऐसा नहीं कर सकता. मैं सबसे कहता रहता हूं कि बल्ले बदल रहे हैं, वे तगड़े हो गए. खिलाड़ी अब मजबूत हो गए. वे पहले से ज्यादा अब गेंद को मैदान से बाहर मार रहे हैं. भारतीय कप्तान शुभमन गिल को ही देखिए. उन्हें सिक्स हिटर नहीं माना जाता. वह कमाल के परंपरागत बल्लेबाज हैं लेकिन वह भी छक्के लगा रहे थे.'

'बल्ले टूट जाएंगे'

 

जाजोदिया ने आगे कहा,

अगर मैं बहुत कठोर गेंद बनाऊंगा तो इससे बल्ले टूट जाएंगे. हमें ध्यान रखना होता है. खेल के नियम कहते हैं कि गेंद 80 ओवर के खेल में खराब होनी चाहिए. इसलिए अगर गेंद को 80 ओवर तक जाना है तो वह धीरे-धीरे खराब होगी. आप 20 ओवर के बाद आकर नहीं कह सकते कि गेंद जैसा मैं चाहता हूं वैसा नहीं कर रही. अगर सच में कुछ गड़बड़ है तो इसे बदलने का विकल्प होना चाहिए.

ड्यूक्स गेंद के मालिक का कहना है कि अब लोग बेसब्र हो गए हैं. अगर जैसा वे चाहते हैं वैसा नहीं होता है तब वे गेंद बदलने की मांग करते हैं. वे उम्मीद रखते हैं कि नई गेंद से विकेट मिलेंगे.

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