'मुझे तो तरस आता है', इंग्लैंड के दिग्गज ने विराट कोहली के नंबर 4 पर उत्तराधिकारी को लेकर कही डराने वाली बात

विराट कोहली ने 2011 में भारतीय टेस्ट टीम में कदम रखा. इसके कुछ साल बाद वे नंबर चार पर बैटिंग करने लग गए और सचिन तेंदुलकर की विरासत को जोरदार तरीके से आगे बढ़ाया.

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विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से लिया संन्यास.

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विराट कोहली ने 123 मैच खेलने के बाद टेस्ट क्रिकेट छोड़ दिया.

भारतीय टीम को जून में इंग्लैंड से टेस्ट खेलने जाना है.

इंग्लैंड जाने वाली भारतीय टीम का ऐलान होना है.

विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद भारतीय क्रिकेट टीम में नंबर चार की जगह खाली हो गई. इंग्लैंड के खिलाफ 20 जून से पांच टेस्ट की सीरीज शुरू होनी है. इससे पहले इस पॉजीशन के लिए भारतीय सेलेक्टर्स को बल्लेबाज ढूंढ़ना होगा. विराट कोहली से पहले सचिन तेंदुलकर नंबर चार पर बैटिंग किया करते थे. इन दोनों ने करीब 30 साल तक इस पॉजीशन पर रन बरसाए. सचिन और कोहली दोनों ने मिलकर नंबर चार 81 शतक लगाए और 25151 रन बनाए. ऐसे में जो खिलाड़ी यहां खेलने आएगा उससे काफी उम्मीदें और दबाव रहने वाला है. इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर माइकल आथर्टन भी ऐसा मानते हैं. उनका कहना है कि जो भी नया नंबर चार बनेगा उस पर उन्हें दया आती है.

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आथर्टन ने कहा कि अभी तक तय नहीं है कि इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के दौरान भारत के लिए नंबर चार पर कौन बैटिंग करेगा. लेकिन यह बहुत बड़ा कदम होगा और इससे भारतीय टेस्ट टीम का नक्शा बदल सकता है. उन्होंने स्काई स्पोर्ट्स पर कहा, 'यह वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की नई साइकल का आगाज है लेकिन इस मौके पर भारत अपनी टीम को दोबारा तैयार और स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू करेगा. हमें नहीं पता कि नंबर चार पर कौन बैटिंग करेगा और आप उस शख्स पर तरस खाते हैं जिसे यहां खेलना है क्योंकि उसके सामने कोहली के 15 साल का खेल है, उससे भी पहले सचिन तेंदुलकर खेलते थे.'

आथर्टन बोले- कोहली से आंखें नहीं हटा सकते

 

आथर्टन ने कहा कि उन्हें विराट कोहली को खेलते हुए देखना अच्छा लगता था. जब वह टेस्ट क्रिकेट में मैदान में होते थे तब आंखों को वहां से हटाना मुश्किल भरा काम होता था. इंग्लिश दिग्गज ने कहा, 'आप कोहली से आंखें नहीं हटा सकते, मुझे उन्हें देखते हुए हमेशा यही लगता था. यह ध्यान देने लायक बात है कि अपने संन्यास वाले बयान में उन्होंने बताया कि टेस्ट क्रिकेट ने उनके सामने चुनौती पेश की. मुझे उन्हें उनके 123 टेस्ट में हर रोज देखने में आनंद आया. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट के लिए सबकुछ झोंक दिया और वह ऊर्जा व जज्बा कभी कम होता नहीं दिखा.'

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