ऑस्ट्रेलिया सीरीज से ठीक पहले पाकिस्तान खिलाड़ी ने छोड़ा क्रिकेट, 77 टेस्ट का रहा करियर, कहा- अब पहले सा जुनून नहीं रहा

 असद शफीक ने पाकिस्तान के लिए 2010 से 2020 के बीच 77 टेस्ट में 4660 रन बनाए जिसमें 12 शतक और 27 अर्धशतक शामिल है. उन्होंने 60 वनडे और 10 टी20 मैच भी खेले.

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असद शफीक को उनके आखिरी मैच में साथी खिलाड़ियों ने सम्मान से विदा किया.

असद शफीक को उनके आखिरी मैच में साथी खिलाड़ियों ने सम्मान से विदा किया.

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असद शफीक पाकिस्तान के लिए आखिरी बार 2020 में खेले थे.असद शफीक पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में अब सेलेक्टर बन सकते हैं.

पाकिस्तान क्रिकेट टीम अभी ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर है जहां उसे तीन टेस्ट खेलने हैं. इससे ठीक पहले पाकिस्तान के टेस्ट बल्लेबाज असद शफीक ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट को अलविदा कह दिया. उनका कहना है कि उनरके खेल के लिए उनके जुनून में कमी आई है. 37 साल के के शफीक ने रविवार (10 दिसंबर) को यह ऐलान किया. असद ने पाकिस्तान के लिए 2010 से 2020 के बीच 77 टेस्ट में 4660 रन बनाए जिसमें 12 शतक और 27 अर्धशतक शामिल है. इसके अलावा उन्होंने 60 वनडे और 10 टी20 मैच भी खेले हैं.

 

उन्होंने राष्ट्रीय टी20 चैम्पियनशिप में कराची व्हाइट्स को खिताब दिलाने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘मुझे अब क्रिकेट खेलने को लेकर पहले सा रोमांच या जुनून महसूस नहीं हो रहा और अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के लिए फिटनेस का स्तर भी वैसा नहीं रह गया है. इसीलिए मैंने खेल को अलविदा कहने का फैसला किया है.’

 

 

उन्होंने यह भी कहा कि वह पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के वेतनभोगी राष्ट्रीय चयनकर्ता बन सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे बोर्ड से करार मिला है और मैं इस पर गौर कर रहा हूं. जल्दी ही इस पर हस्ताक्षर करूंगा.’ उनका कहना है कि नेशनल सेलेक्टर के तौर पर काम करना उनके लिए उत्साहित करने वाली चुनौती होगी और इसके जरिए वह खेल से जुड़े रहेंगे.

 

असद 2010 से 2020 के दौरान पाकिस्तान टेस्ट टीम की बैटिंग की रीढ़ रहे. उनके साथ अजहर अली, यूनुस खान और मिस्बाह उल हक जैसे बल्लेबाज मिलकर पाकिस्तानी बैटिंग को मजबूत बनाते थे. 2010 में स्पॉट फिक्सिंग में फंसने के बाद पाकिस्तान क्रिकेट को उनके जरिए अच्छी पहचान मिली. अपने पूरे करियर में असद साफ-सुथरी छवि के साथ किसी तरह के विवाद में नहीं रहे. 

 

 

उन्होंने कहा, '2020 में टीम से बाहर किए जाने के बाद मैं घरेलू क्रिकेट खेलता रहा. मुझे उम्मीद थी कि पाकिस्तान टीम में दोबारा मौका मिलेगा लेकिन इस सीजन से पहले मैंने फैसला कर लिया था कि यह मेरा आखिरी होगा क्योंकि 38 साल की उम्र में करियर खत्म करना अच्छा है. इससे पहले कि लोग मुझे हटने को कहने लगे. 2010 स्पॉट फिक्सिंग पाकिस्तान क्रिकेट के लिए मुश्किल समय था और मुझे खुशी है कि मैं उस प्रक्रिया का हिस्सा था जिसने लोगों का भरोसा जीता.'

 

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