मोदी के खिलाफ जीता मुकदमा, बहन की ट्रेन हादसे में हो गई मौत, क्रिकेट की दुनिया का धुरंधर है ये खिलाड़ी

क्रिकेट की दुनिया के महान ऑलराउंडर्स में गिने जाने वाले न्यूजीलैंड के क्रिस कैर्न्स का आज बर्थडे हैं.

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क्रिकेट की दुनिया के महान ऑलराउंडर्स में गिने जाने वाले न्यूजीलैंड के क्रिस कैर्न्स का आज बर्थडे हैं. खिलाड़ी के तौर पर अपने करियर में उन्होंने कई बार कमाल का खेल दिखाया लेकिन पर्सनल लेवल पर इस क्रिकेटर को काफी समस्याएं झेलनी पड़ीं. मैच फिक्सिंग के आरोप झेले और इसके खिलाफ केस लड़े और जीत हासिल की. रिटायरमेंट के बाद बसों की सफाई का काम किया. साल 2021 में हार्ट अटैक झेला. फिर कैंसर होने का खुलासा हुआ. अब यह धाकड़ खिलाड़ी इन बीमारियों से लड़ रहा है.


क्रिस कैर्न्स का जन्म 13 जून 1970 को हुआ था. आज वे 52 साल के हो चुके हैं. उन्होंने नवंबर 1989 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट के जरिए इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा था. इसके बाद से वे जब भी फिट रहे तब कीवी टीम का हिस्सा रहे. आगे चलकर वे छठे क्रिकेटर बने जिन्होंने 200 विकेट और 3000 रन बनाने का कमाल किया. साल 2000 में जब न्यूजीलैंड ने अपनी पहली आईसीसी ट्रॉफी जीती उसमें क्रिस कैर्न्स का अहम योगदान था. उन्होंने इस टूर्नामेंट के फाइनल में नाबाद शतक लगाया और भारत को खिताब से दूर कर दिया. आगे चलकर उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक छक्के लगाने का विवियन रिचर्ड्स का रिकॉर्ड तोड़ा.


ललित मोदी पर किया केस

क्रिस कैर्न्स ने 62 टेस्ट में पांच शतकों से 3320 रन बनाए और 218 विकेट लिए. वहीं 215 वनडे में 4950 रन बनाए और 201 बल्लेबाजों को आउट किया. साल 2006 में उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया. बाद में वे बीसीसीआई की बागी इंडियन क्रिकेट लीग से जुड़े. यहीं पर खेलने के दौरान उन पर फिक्सिंग का आरोप लगा. आईपीएल के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी ने उन पर फिक्सिंग के आरोप लगाए. इसके खिलाफ ललित मोदी ने केस किया और 2012 में केस जीता और फिक्सिंग के आरोपों से बरी हुए.


बहन को रेल हादसे में खोया

इस केस को लड़ने के दौरान उन्हें काफी बुरे आर्थिक हालातों का सामना करना पड़ा. उन्हें बस स्टैंड में सफाई और ट्रक चलाने का काम करके घर चलाना पड़ा. बाद में यह केस जीतने से कैर्न्स को मानहानि भुगतान मिला. कैर्न्स ने 1993 में अपनी बहन को एक रेल हादसे में खो दिया था. इसके बाद कीवी रेल के साथ मिलकर उन्होंने रेल सेफ्टी का एक अभियान चलाया. फिर सितंबर 2008 में उन्होंने रेल सेफ्टी का मैसेज देने के लिए 1001 किलोमीटर लंबी वॉक की.

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