287 विकेट लेने वाले भारतीय तेज गेंदबाज ने लिया संन्यास, 3 साल से नहीं मिला खेलने का मौका तो 39 की उम्र में छोड़ा क्रिकेट

समद फल्लाह महाराष्ट्र की ओर से रणजी ट्रॉफी में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे. वह रणजी ट्रॉफी में बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में दूसरे नंबर पर रहे.

Profile

Shakti Shekhawat

समद फल्लाह भारत की ओर से क्रिकेट नहीं खेल सके.

समद फल्लाह भारत की ओर से क्रिकेट नहीं खेल सके.

Highlights:

महाराष्ट्र के तेज गेंदबाज समद फल्लाह ने 39 साल की उम्र में संन्यास लिया.

समद फल्लाह ने 78 रणजी मैचों में 272 विकेट चटकाए.

महाराष्ट्र के तेज गेंदबाज समद फल्लाह ने संन्यास का ऐलान कर दिया है. बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने महाराष्ट्र की ओर से 78 मैचों में 28.48 की औसत से 272 रणजी विकेट लिए. उनके नाम लिस्ट ए क्रिकेट में 75 और टी20 में 62 विकेट रहे. 2010 में महाराष्ट्र ने जब सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जीती तब समद का अहम योगदान था. उन्होंने फाइनल में चार विकेट लिए थे. समद महाराष्ट्र की ओर से रणजी ट्रॉफी में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे. उनका आखिरी आधिकारिक मैच मार्च 2021 में उत्तराखंड के लिए रहा जो विजय हजारे ट्रॉफी में आया. हैदराबाद में जन्मा यह खिलाड़ी 2020-21 के सीजन में महाराष्ट्र से उत्तराखंड स्विच कर गया था.

 

समद बाद में महाराष्ट्र लौट आए थे और तीनों फॉर्मेट में खुद को चयन के लिए उपलब्ध बताया था लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला. तीन साल से उन्होंने भारतीय घरेलू क्रिकेट में कोई मैच नहीं खेला था. वह रणजी ट्रॉफी में बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में दूसरे नंबर पर रहे. उनसे आगे केवल जयदेव उनादकट का नाम रहा जिन्होंने 316 विकेट लिए हैं. 39 साल के हो चुके समद अभी महाराष्ट्र प्रीमियर लीग में नाशिक टाइटंस टीम के कोच हैं.

 

 

समद ने 2007 में महाराष्ट्र के लिए किया डेब्यू

 

समद ने महाराष्ट्र रणजी टीम में जगह बनाने से पहले एज लेवल पर कोई क्रिकेट नहीं खेला. वे टेनिस बॉल टूर्नामेंट्स में खेला करते थे और वहीं से उन्होंने ध्यान खींचा. 22 साल की उम्र में समद ने 2007 में महाराष्ट्र की ओर से डेब्यू किया था. इसके बाद पहले ही मैच की दूसरी पारी में छह विकेट लेकर जगह पक्की कर ली थी. इसके बाद बहुत तेजी से उन्होंने खुद को महाराष्ट्र की बॉलिंग के लीडर के रूप में साबित किया. 2007-08 से लेकर 2014-15 तक उन्होंने हर रणजी सीजन में 20 से ज्यादा विकेट लिए.

 

समद के डेब्यू के बाद महाराष्ट्र की बॉलिंग काफी मजबूत हो गई थी. उसके पास अनुपम सकलेचा, डॉमनिक मुथुस्वामी और श्रीकांत मुंधे जैसे बॉलर्स थे. इससे टीम 2013-14 में रणजी फाइनल में पहुंची. इसके अगले सीजन में टीम ने सेमीफाइनल में जगह बनाई. 

 

ये भी पढ़ें

Pakistan Captaincy : बाबर आजम की जगह कौन बनेगा अब पाकिस्तान टीम का कप्तान? वसीम अकरम ने बताया खिलाड़ी का नाम और ठोका दावा

बड़ी खबर: बाबर आजम करेंगे कानूनी कार्रवाई, निशाना बनाने वाले इन खिलाड़ियों पर लेंगे एक्शन, जानें पूरा मामला

WI vs USA: मुश्किल से पहुंचा स्‍टेडियम, फिर मचाया कोहराम, वेस्‍टइंडीज की जीत के हीरो ने बताया मैच से पहले क्‍या हुआ था

    यह न्यूज़ भी देखें

    Share