टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी को आईसीसी ट्रॉफी कैबिनेट भरने के लिए सिर्फ 8 साल का समय लगा. धोनी ने इस दौरान वनडे वर्ल्ड कप, टी20 वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता. धोनी पर वर्कलोड इतना ज्यादा था कि उन्होंने विकेटकीपिंग की प्रैक्टिस करनी बंद कर दी थी. टीम इंडिया के पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने इसको लेकर अहम खुलासा किया है.
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विकेटकीपिंग ड्रिल्स करना छोड़ दिया था
मीडिया में चल रहे उनके इंटरव्यू के अनुसार, धोनी ने 8 या 9 साल तक इंटरनेशनल क्रिकेट खेला लेकिन उन्होंने कभी विकेटकीपिंग प्रैक्टिस नहीं की. इंटरनेशनल क्रिकेट में जब उनकी पहचान बन रही थी, खासकर 2007 या फिर 2005 के दौरान तब वो अपनी विकेटकीपिंग ड्रिल्स पर काफी ज्यादा काम करते थे. उनकी तकनीक काफी शानदार और ये अलग थी. ये तकनीक काफी ज्यादा कारगर थी.
श्रीधर ने कहा कि, धोनी ने काफी ज्यादा अभ्यास किया था. एक बार तो उन्होंने यहां तक कह दिया था कि उनपर वर्कलोड इतना ज्यादा है कि उन्हें अब विकेटकीपिंग में और ज्यादा अभ्यास करने की जरूरत नहीं है. विकेट के पीछे रहते हुए उनकी अंगुलियों ने काफी कुछ सहा है. इसलिए उन्हें विकेटकीपिंग का अभ्यास करना छोड़ दिया था. वो बस छोड़ी ड्रिल्स करते थे जिससे वो तेजी से रिएक्ट कर सकें.
धोनी ने साल 2019 तक खेला. इसके बाद वो आईपीएल खेल रहे हैं जिसमें वो चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेल रहे हैं. धोनी ने 959 प्रोफेशनल मैचों में 1286 विकेट लिए हैं.
साहा हैं बेस्ट विकेटकीपर
श्रीधर ने हालांकि पूर्व भारतीय विकेटकीपर बैटर ऋद्धिमान साहा को बेस्ट विकेटकीपर बताया. उन्होंने कहा कि, वो बेस्ट विकेटकीपर थे. उनके साथ मैंने समय बिताया है. उन्हें पता होता है कि उन्हें क्या करना है. टीम के लिए शानदार इंसान हैं. वो जब विकेट के पीछे रहते थे तब कोच और कप्तान को काफी आत्मविश्वास मिलता था. मैंने उन्हें ज्यादा ड्रॉप कैच छोड़ते नहीं देखा है. वो मेरे लिए टॉप दो में हैं. लेकिन मैं उन्हें बेस्ट बताऊंगा. बता दें कि साहा ने साल 2010 से 2021 के बीच 40 टेस्ट खेले और 91 कैच लिए थे.
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