टीम इंडिया के लिए चहल बाइलेटरल खेलने के बाद वर्ल्ड कप से क्यों हो जाते हैं बाहर? पूर्व क्रिकेटर ने बताया कारण

टीम इंडिया (Team India) के धाकड़ स्पिनर युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) को वर्ल्ड कप से क्यों कर दिया जाता है बाहर, मुरली कार्तिक ने बताया सली कारण.

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युजवेंद्र चहल

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टीम इंडिया के स्पिनर युजवेंद्र चहल को फिर मिला मौका

वर्ल्ड कप 2023 वाली टीम इंडिया से हो गए थे बाहर

टीम इंडिया के धाकड़ स्पिनर युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) के साथ बीते कुछ सालों से गजब ही हो रहा है. वह भारत के लिए जहां लगातार बाइलेटरल सीरीज खेलते नजर आते हैं. वहीं वर्ल्ड कप आते ही चहल को टीम से बाहर कर दिया जाता है. ये सिलसिला साल 2021 टी20 वर्ल्ड कप से देखने को मिल रहा है. जिसके बाद से लेकर अभी तक चहल हमेशा भारत के लिए वर्ल्ड कप टीम से बाहर रहते हैं. जबकि वर्ल्ड कप से पहले और बाद में बाइलेटरल सीरीज आते ही चहल को टीम इंडिया में मिल जाती है. जिस पर टीम इंडिया के पूर्व स्पिनर मुरली कार्तिक ने बड़ी बात कह डाली है.

 

साल 2021 से वर्ल्ड कप नहीं खेले चहल 


चहल की बात करें तो साल 2021 के टी20 वर्ल्ड कप में उन्हें जगह नहीं मिली. इसके बाद साल 2022 टी20 वर्ल्ड कप में शामिल किया गया लेकिन चहल को एक भी मैच खेलने को नहीं मिला. जबकि साल 2023 में चहल को एशिया कप और उसके बाद भारत में होने वाले वर्ल्ड कप 2023 से भी बाहर रखा गया. इसके बाद अब चहल को साउथ अफ्रीका दौरे के लिए वनडे टीम इंडिया में शामिल कर लिया गया है.

 

चहल के लिए कार्तिक ने क्या कहा ?

 

इस तरह चहल को लेकर इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में मुरली कार्तिक ने कहा कि चहल पुराने स्कूल के ऑर्थोडॉक्स लेग स्पिनर हैं. वह रवि बिश्नोई या राशिद खान नहीं है, जो गेंद को अधिक घुमाने जैसा काम नहीं करते हैं. चहल के पास लेग स्पिन, गुगली और टॉप स्पिन भी है. इसके साथ ही जब वह बेहतरीन गेंदबाजी कर रहा होता है तो बॉल से क्रांति ला देता है. वह सीधे हाथ के बल्लेबाज की तरफ गेंद लाता है जबकि लेफ्ट हैंडर से दूर भी ले जाता है. उसके तरकश में सभी तीर शामिल हैं और अच्छा कंट्रोल भी है.

 

चहल का प्रदर्शन 


चहल की बात करें तो साल 2019 वर्ल्ड कप के दौरान इंग्लैंड के सामने चहल ने 10 ओवर में 88 रन दे डाले थे. जिसमें उनकी गेंदों पर सात चौके और 6 छक्के लगे थे. जबकि साल 2019 से पहले चहल जहां 14.4 गेंदों पर बाउंड्री दे रहे थे. वहीं इसके बाद से वह 10.4 गेंदों में बाउंड्री दे रहे हैं. यही कारण है कि बाइलेटरल सीरीज में अगर एक मैच हार भी जाते हैं तो वापसी करने का मौका होता है. लेकिन आईसीसी के बड़े टूर्नामेंट में वापसी का कोई रास्ता नहीं होता. शायद इसी वजह से कप्तान चहल के साथ रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. जिसके चलते उन्हें बाहर रहना पड़ा है.

 

वहीं कार्तिक ने अंत में कहा कि कई बार शायद कप्तान या फिर टीम मैनेजमेंट उनसे जो उम्मीद करता है. वह उससे काफी दूर चले जाते हैं. उनकी ताकत गेंद को ज्यादा से ज्यादा घुमाना, पारंपरिक लेग स्पिन गेंदबाजी करना और सभी वैरिएशन का इस्तेमाल करना है. मैं मानता हूं कि उन्हें इस पर कायम रहना चाहिए क्योंकि उन्होंने वास्तव में बहत अच्छी गेंदबाजी की है.  

 

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