रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) और दिल्ली कैपिटल्स (DC) के बीच वीमेंस प्रीमियर लीग के दूसरे मुकाबले में दिल्ली ने बड़ा स्कोर बनाया वहीं बैंगलोर पूरी तरह ढह गई. मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में दोनों टीमों के बीच मुकाबला हो रहा था. लेकिन इस बीच कुछ ऐसा देखने को मिला जो अब तक फैंस ने नहीं देखा है. तीसरे अंपायर ने नो बॉल का पता लगाने के लिए बॉल ट्रेसिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया. इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अक्सर लेग बिफोर विकेट यानी की lbw के लिए होता जो DRS है. लेकिन इस बार थर्ड अंपायर ने कुछ अलग ही कर दिया.
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नो बॉल को लेकर लिया गया रिव्यू
थर्ड अंपायर ने इस मैच में इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नो बॉल के लिए किया. मेगन शुट्ट ने फुल टॉस गेंद डाली लेकिन लेग अंपायर ने इस गेंद को नो बॉल करार नहीं दिया. बल्लेबाजी के लिए जेमिमा क्रीज पर थीं. इसके बाद दिल्ली ने इसका रिव्यू लिया. जिसके बाद ही शुरू हुआ असली खेल. अंपायर ने इसके बाद बॉल ट्रैकिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जिससे साफ पता चला कि बैटर हल्का सी झुकी थी और बॉल सीधे स्टम्प्स को लग रही थी. ऐसे में अंत में अंपायर ने इसे नो बॉल नहीं दिया.
ये इसलिए भी मुमकिन हो पाया क्योंकि वीमेंस प्रीमियर लीग में खिलाड़ी वाइड और नो बॉल का रिव्यू ले सकते हैं. एक खिलाड़ी ऑन फील्ड अंपायर के किसी भी फैसले को लेकर रिव्यू ले सकता है. ये सबकुछ वीमेंस प्रीमियर लीग के सेक्शन 3.1.1 के तहत हुआ था.
पहले मुकाबले में ही हो चुका है इसका इस्तेमाल
सबसे पहले इसका इस्तेमाल मुंबई इंडियंस और गुजरात जायंट्स के बीच खेले गए एडिशन के पहले मुकाबले में देखने को मिला. हरनप्रीत कौर ने अंपायर के एक फैसले पर रिव्यू लिया था. दरअसल गुजरात की बल्लेबाज मोनिका पटेल के बल्ले का एज लगा था लेकिन उन्होंने ये बात नहीं मानी जिसके बाद हरमन ने रिव्यू लिया और फिर ये पता चला कि मोनिका के बल्ले का एज लगा था.
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