न्यूजीलैंड क्रिकेट को बड़ा झटका, इन दो स्टार क्रिकेटरों ने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट को ठुकराया, पैसे का है पूरा मामला

डेवोन कॉनवे और फिन एलेन ने न्यूजीलैंड क्रिकेट की तरफ से दिए जाने वाला सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट ठुकरा दिया है. दोनों अब भविष्य में फ्रेंचाइज क्रिकेट पर फोकस रखना चाहते हैं.

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Neeraj Singh

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मैच में रन लेते फिन एलेन और डेवोन कॉनवे

मैच में रन लेते फिन एलेन और डेवोन कॉनवे

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न्यूजीलैंड क्रिकेट को झटका लगा हैडेवोन कॉनवे और फिन एलेन ने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट ठुकरा दिया है

इंटरनेशनल क्रिकेट के सबसे धाकड़ बल्लेबाजों में शामिल डेवोन कॉनवे और फिन एलेन ने 2024-25 सीजन के लिए न्यूजीलैंड क्रिकेट के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट को रिजेक्ट कर दिया है. इस फैसले ने इंटरनेशनल क्रिकेट की परिभाषा बदल दी है क्योंकि समय के साथ अब इंटरनेशनल क्रिकेट में फ्रेंचाइज क्रिकेट भारी पड़ रही है.

 

क्या बोले कॉनवे


कॉनवे ने न्यूजीलैंड क्रिकेट के जरिए एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, ‘‘सबसे पहले, मैं इस व्यवस्था में मेरा समर्थन करने के लिए न्यूजीलैंड क्रिकेट को धन्यवाद देना चाहता हूं. न्यूजीलैंड के लिए खेलना अब भी मेरी प्राथमिकता है और मैं न्यूजीलैंड का प्रतिनिधित्व करने और उसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जीत दिलाने को लेकर बेहद उत्साहित हूं.’’ न्यूजीलैंड क्रिकेट के मुख्य कार्यकारी स्कॉट वेनिंक ने कहा, ‘‘न्यूजीलैंड की तरफ से खेलने के लिए प्रतिबद्ध होने के डेवोन के फैसले से हम खुश हैं. वह एक बेहतरीन खिलाड़ी है जिन्होंने पिछले कुछ सालों में टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है.’’

 

कॉनवे इंडियन प्रीमियर लीग में चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से खेलते हैं. बता दें कि फ्रेंचाइज क्रिकेट के लिए सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट छोड़ना कोई नई बात नहीं है. फ्रेंचाइज क्रिकेट में खिलाड़ियों को कई अलग तरह की डील्स मिलती है जिससे उन्हें अपने करियर में फायदा भी मिलता है. कॉनवे ने अब जब सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट छोड़ दिया है. ऐसे में उनका पूरा फोकस अब SA20 लीग पर है.

 

बता दें कि न्यूजीलैंड क्रिकेट को इससे नुकसान पहुंचा है क्योंकि इससे कहीं न कहीं टीम कमजोर हो जाएगी. दूसरी तरफ न्यूजीलैंड क्रिकेट शायद भविष्य में अपने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में बदलाव भी करे जिससे क्रिकेटर्स फ्रेंचाइज क्रिकेट की तरफ न जाएं. फ्रेंचाइज क्रिकेट इसलिए भी मशहूर हो रहा है क्योंकि इससे छोटे देशों के क्रिकेटरों को भी इसमें हिस्सा लेने का मौका मिल रहा है. भले ही उनकी नेशनल टीम ज्यादा मशहूर न हो लेकिन फ्रेंचाइज क्रिकेट से उन्हें वो सबकुछ हासिल हो रहा है जो वो अपनी नेशनल टीम के लिए खेलते हुए नहीं हासिल कर पा रहे हैं.
 

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