भारत के पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर रोबिन उथप्पा (Robin Uthappa) का मानना है कि विदेशी टी20 लीग में खेलने की चाहत रखने वाले संन्यास ले चुके भारतीय क्रिकेटरों के लिए अनिवार्य ब्रेक (कूलिंग ऑफ पीरियड) ‘असहज और अनुचित’ होगा. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) अनिवार्य ब्रेक पर विचार कर रहा है जिससे कि खिलाड़ियों को संन्यास के तुरंत बाद विदेशी लीग से जुड़ने से रोका जा सके. हालांकि इस संबंध में अभी कोई फैसला नहीं किया गया है. पिछले साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और इंडियन प्रीमियर लीग से संन्यास लेने वाले रोबिन उथप्पा हाल में जिम्बाब्वे में टी10 लीग का हिस्सा थे. उन्होंने यूएई में आईएलटी20 में भी हिस्सा लिया. उथप्पा ने भारत के लिए 46 वनडे और 13 टी20 मुकाबले खेले.
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उथप्पा ने जियो सिनेमा द्वारा आयोजित बातचीत में पीटीआई के सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘मुझे लगता है कि इसे लेकर असहज होना मानवीय स्वभाव है. हमारे पास बीसीसीआई का केंद्रीय अनुबंध नहीं है, हम अब भारत में क्रिकेट नहीं खेल रहे इसलिए निश्चित तौर पर आप असहज और अनुचित महसूस करोगे. बीसीसीआई ने निश्चित तौर पर हम सभी का ख्याल रखा है. मुझे यकीन है कि वे जो भी फैसला करेंगे वह बीसीसीआई और खिलाड़ियों के हित में होगा. कुछ समाधान है जिन पर पहुंचा जा सकता है. अगर संवाद की संभावना है तो हम ऐसा हल निकाल सकते हैं जो सभी के अनुकूल हो.’
टीम इंडिया के कॉम्बिनेशन पर क्या बोले उथप्पा
उथप्पा ने कहा कि टीम प्रबंधन और नेतृत्वकर्ता समूह का दृष्टिकोण सबसे छोटे फॉर्मेट में भारत की किस्मत तय करेगा क्योंकि हार्दिक पंड्या के नेतृत्व में एक नई टीम एक साल से भी कम समय में होने वाले अगले टी20 विश्व कप की तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा, ‘हमारे सामने अधिकता की समस्या है. देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए पर्याप्त लोग हैं, स्तर वास्तव में उच्च है. कभी-कभी जब आपके पास स्तरीय खिलाड़ी होते हैं तो आपको सिरदर्द हो सकता है जो कई बाकी देशों के साथ नहीं है. यह इस पर निर्भर करता है कि हम टीम प्रबंधन के रूप में कैसे आगे बढ़ने का फैसला करते हैं और टीम के नेतृत्व समूह का दृष्टिकोण क्या है, यह आने वाले सालों में सबसे छोटे फॉर्मेट में भारत की सफलता के लिए महत्वपूर्ण होगा.’
उथप्पा का मानना है कि भारत को निचले क्रम में भी बल्लेबाजी करने वाले बॉलर रखने चाहिए. उन्होंने कहा, निचले क्रम में बैटिंग उनके लिए दिक्कत की बात है क्योंकि सात नंबर के बाद पुछल्ले बल्लेबाज ज्यादा हैं. यह एक मसला है जिस पर फौरन काम करने की जरूरत है. इसके अलावा हमारे स्पिनर वर्ल्ड क्लास हैं.
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