रोहित शर्मा की कप्तानी में भारत का टेस्ट क्रिकेट में 12 साल से अजेय रहने का सिलसिला खत्म हो गया. न्यूजीलैंड ने तीन मैचों की सीरीज के पहले दो टेस्ट जीतकर उसे हरा दिया. यह कीवी टीम की भारत में पहली टेस्ट जीत रही. भारत इससे पहले 2012 में इंग्लैंड से घर में हारा था. न्यूजीलैंड से हार के बाद रोहित शर्मा की कप्तानी पर सवाल उठे हैं. पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर को लगता है कि भारतीय कप्तान टेस्ट में भी टी20 की मानसिकता से खेलते हैं और उसी हिसाब से फैसले लेते हैं. उन्होंने पुणे टेस्ट की दूसरी पारी में सरफराज खान से ऊपर वाशिंगटन सुंदर को भेजे जाने का उदाहरण देते हुए रोहित को घेरा.
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पुणे टेस्ट की दूसरी पारी में सरफराज की जगह सुंदर छठे नंबर पर बैटिंग के लिए उतरे थे. लेकिन यह दांव कारगर नहीं रहा. दोनों ही बल्लेबाज बड़ी पारियां नहीं खेल पाए और भारत को 113 रन से हार झेलनी पड़ी. मांजरेकर ने ESPNcricinfo के कार्यक्रम में कहा कि सुंदर को ऊपर भेजने का फैसला अजीब था. उन्होंने कहा, 'सरफराज खान को नीचे और वाशिंगटन सुंदर को उनसे ऊपर भेजना क्योंकि वह बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं, इस तरह के फैसले नहीं होने चाहिए. यह अजीब है. रोहित शर्मा को एक बात को लेकर सावधान होना चाहिए कि टेस्ट में टी20 की तरह दाएं-बाएं हाथ के संयोजन की जरूरत नहीं होती. मुझे लगता है कि उन्हें खिलाड़ियों की संपूर्ण गुणवत्ता और काबिलियत के हिसाब से खेलना चाहिए.'
मांजरेकर ने गंभीर का किया बचाव
भारत के सीरीज गंवाने के बाद कोच गौतम गंभीर भी निशाने पर हैं. लेकिन मांजरेकर ने उनका बचाव किया. उन्होंने कहा कि मैदान पर कोच की कोई भूमिका नहीं होती. काम तो खिलाड़ियों को ही करना होता है. उनका दूसरे टेस्ट के लिए सुंदर को बुलाने का फैसला सही साबित हुआ. क्रिकेट में कोच की भूमिका न्यूनतम होती है. इसलिए गंभीर पर किसी भी तरह का दोष डालना सही नहीं है.
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