भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री रिटायर हो गए. फीफा वर्ल्ड कप क्वालिफायर में कुवैत के खिलाफ टीम इंडिया के गोलरहित ड्रॉ के साथ उन्होंने विदाई ली. मैच के बाद सुनील छेत्री इमोशनल हो गए और आंसू नहीं रोक पाए. जब भारतीय खिलाड़ी उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देने के लिए खड़े हुए तब छेत्री काफी भावुक हो गए. वे फूट-फूटकर रोने लगे. टीम के साथियों ने उन्हें सहारा दिया. फिर रुंधे गले के साथ वे आगे बढ़े और सभी खिलाड़ियों व सपोर्ट स्टाफ से उन्होंने अभिवादन स्वीकार किया. छेत्री ने मैदान में भी सभी तरह जाकर दर्शकों का धन्यवाद दिया.
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मुकाबले की बात करें तो भारत और सुनील छेत्री के लिए नतीजा अच्छा नहीं रहा. भारत को गोलरहित ड्रॉ खेलना पड़ा. इस नतीजे के बाद भारत का अब क्वालिफायर्स के तीसरे राउंड में पहुंचना बहुत मुश्किल हो गया है. इस ड्रॉ के बाद भारत के पास पांच अंक हैं और वह 11 जून को अपने आखिरी मैच में एशियन चैंपियंस कतर से खेलेगा. कुवैत के चार अंक हैं और वह उसी दिन अफगानिस्तान का सामना करेगा.
सुनील छेत्री का करियर 19 साल चला
39 साल के छेत्री का इंटरनेशनल करियर 19 साल का रहा. उन्होंने इस दौरान 94 गोल किए. वह इंटरनेशनल फुटबॉल में सर्वाधिक गोल करने के मामले में चौथे नंबर पर रहे. उनसे आगे पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो (128), ईरान के अली देई (108) और अर्जेंटीना के लियोनल मेसी (106) रहे. छेत्री का आखिरी मैच कोलकाता के साल्ट लेक सिटी स्टेडियम में हुआ. इस दौरान उनके माता-पिता सुशीला व खारगा, पत्तीन सोनम भट्टाचार्य और कई पूर्व खिलाड़ी मौजूद रहे. हालांकि छेत्री अभी क्लब फुटबॉल खेलते रहेंगे. करीब दो साल तक वे यहां सक्रिय रहेंगे. इंडियन सुपर लीग में बेंगलुरु एफसी के साथ उनका अगले साल तक कॉन्ट्रेक्ट है. छेत्री ने 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ इंटरनेशनल डेब्यू किया था. वह मैच 1-1 से ड्रॉ रहा था और तब उन्होंने गोल किया था.
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