निशांत देव पेरिस ओलिंपिक से बाहर हो गए हैं. विवादित क्वार्टर फाइनल में उन्हें मेक्सिको के मार्को वर्डे ने 4-1 से हरा दिया. इस मुकाबले को लेकर बवाल मचा हुआ है. इसे निशांत के साथ चीटिंग बताया जा रहा है. दरअसल पहला राउंड निशांत के पक्ष में रहा, मगर दूसरे राउंड में दो जज निशांत और तीन जज मार्को के पक्ष में रहे. तीसरे राउंड में दोनों के बीच कड़ी टक्कर हुई. निशांत ने कुछ क्लीयर पंच लगाए, मगर इसके बावजूद पांचों जज ने मार्को को 10-10 का स्कोर दिया और निशांत मुकाबला हार गए.
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ओलिंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट विजेंदर सिंह, ओलिंपिक निशानेबाज हिना सिद्धू समेत कई दिग्गजों ने स्कोरिंग सिस्टम पर सवाल उठाए. निशांत के साथ इस मुकाबले में जो हुआ, भारत क्या उनके खिलाफ विरोध दर्ज कराएगा, इस पर कोच सुरेन्दर कुमार ने बड़ा बयान दिया है. विपक्षी खिलाड़ी के सिर नीचे करने पर वॉर्निंग ना देने पर कोच ने कहा-
वार्निेंग तो देनी चाहिए थी. वार्निंग देने से सामने वाला मुक्केबाज भी साइकोलॉजिकल दवाब में आता और हमार अप होता. उसमें थोड़ा फर्क रहता है. उस मुक्केबाज ने तीनों राउंड में एक जैसी गलती की. पकड़ता रहा, सिर मारता रहा. उससे मुक्केबाज को नुकसान होता है.
इस मैच को लेकर अपना विरोध दर्ज कराने पर कोच ने कहा-
हमनें विरोध के बारे में नहीं सोचा. हमने हार को स्वीकार कर लिया है. जो जीता, वहीं सिकंदर. मेक्सिको का मुक्केबाज भी बहुत टफ था, मगर इतना भी नहीं था.
कोच ने आगे कहा-
हम काफी क्लोज खेले, हमें थोड़ा दूर रहकर खेलना चाहिए था. हमने इस मुक्केबाज को साल 2021 में एकतरफा हराया था. दोनों मजबूत मुक्केबाज हैं. निशांत की एक्यूरेसी बहुत अच्छी थी. एक्यूरेसी और रेंज पर थोड़ा और काम करना होगा.
निशांत के बाहर होने से अब पेरिस ओलिंपिक में लवलीना बोरगोहेन की एकमात्र भारतीय मुक्केबाज बची हैं. वो भी मेडल से महज एक जीत दूर हैं. कोच ने उम्मीद जताई है कि लवलीना मेडल लाएंगी. उनका कहना है कि भारतीय मुक्केबाजी टीम बहुत शानदार थी, मगर दुर्भाग्य से परिणाम कुछ और रहा.
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