पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने अपने खिलाड़ियों को दिए जाने वाले सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में बड़ा बदलाव किया है. बोर्ड ने कॉन्ट्रैक्ट की अवधि तीन साल से घटाकर एक साल करने का फैसला किया है. हालांकि इस दौरान खिलाड़ियों को मिलने वाली रकम में कोई बदलाव नहीं किया गया है. 15 जुलाई को पीसीबी प्रमुख मोहसिन नकवी की अध्यक्षता में एक मिटिंग हुई. इस मिटिंग में ही सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की अवधि को घटाने का फैसला लिया गया. इस बैठक में पाकिस्तान के नए रेड-बॉल कोच जेसन गिलेस्पी, व्हाइट-बॉल कोच गैरी और दूसरे सीनियर अधिकारी भी शामिल हुए.
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एक साल का सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट
पाकिस्तानी टीम ने पिछले 8 महीने के अंदर 2 वर्ल्ड कप में शर्मनाक प्रदर्शन किया है. इस दौरान खिलाड़ियों के फिटनेस को लेकर भी सवाल उठे. साथ ही गुटबाजी की खबरें में सामने आने लगी थीं. जिसके बाद पीसीबी की मिटिंग में कुछ बड़े फैसले लिए गए. इस मिटिंग में सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की अवधि तीन साल से घटाकर एक साल करने का फैसला किया है. बोर्ड के आधिकारी ने बताया कि,
चयनकर्ताओं ने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के वित्तीय भाग में कोई बदलाव न करने की सिफारिश की है, जिसे अब 12 महीने के कॉन्ट्रैक्ट में संशोधित किया जाएगा और खिलाड़ियों की फिटनेस, व्यवहार और फॉर्म का हर 12 महीने में मूल्यांकन किया जाएगा.
बता दें कि पिछले साल, पूर्व पीसीबी अध्यक्ष ज़का अशरफ ने खिलाड़ियों के साथ एक समझौता किया था. जिसके तहत उन्हें तीन साल के लिए समझौते के प्रावधानों और वित्तीय स्थिति में कोई बदलाव नहीं करने की गारंटी देते हुए सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट जारी किए गए थे. इसके साथ ही बोर्ड अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने नेशनल क्रिकेट अकादमी की ओर से जारी बयान में अनुशासन के उल्लंघन के लिए कोई समझौता नहीं करने की बात कही. उन्होंने पाकिस्तानी टीम में गुटबाजी करने वालों को भी चेतावनी दी है.
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