सचिन तेंदुलकर ने विनोद कांबली से की मुलाकात तो पुराने दोस्त ने नहीं छोड़ा हाथ, भावुक मुलाकात का VIDEO वायरल

विनोद कांबली और सचिन तेंदुलकर की हाल ही में मुलाकात हुई जहां कांबली ने सचिन का हाथ पकड़ लिया और छोड़ा ही नहीं. सचिन और कांबली वही शख्स हैं जिन्हें रमाकंत आचरेकर ने कोचिंग दी थी.

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Neeraj Singh

vinod kambli and sachin tendulkar

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Highlights:

सचिन और विनोद कांबली की मुलाकात हुई है

दोनों को रमाकांत आचरेकर के स्मारक के अनावरण के मौके पर देखा गया

कांबली ने इस दौरान सचिन का हाथ नहीं छोड़ा

सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली मंगलवार को मुंबई के शिवाजी पार्क में रमाकांत आचरेकर के स्मारक के अनावरण के मौके पर फिर से मिले. बचपन के दोस्तों की मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं. इंटरनेट पर वायरल हो रही क्लिप में सचिन तेंदुलकर अपने बचपन के दोस्त विनोद कांबली के पास गए. हालांकि शुरुआत में विनोद कांबली समझ नहीं पाए कि उनके पास कौन आया लेकिन जैसे ही उन्होंने सचिन की शक्ल को देखा वो चौंक गए और उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

तेजी से वायरल हो रही है वीडियो

हालांकि, इस मुलाकात ने कई लोगों को कंफ्यूज भी कर दिया क्योंकि कांबली इस दौरान भावुक भी हो गए और उन्होंने सचिन का हाथ जोर से पकड़ लिया. सचिन ने इस दौरान उनसे बाद में मुलाकात करने का वादा किया लेकिन कांबली ने हाथ नहीं छोड़ा. तभी एक और शख्स वहां आया और फिर कांबली को समझाने के बाद सचिन का हाथ उन्होंने छोड़ा. लेकिन इस वीडियो के बाद अब हर फैन अपनी अपनी राय दे रहा है. बता दें कि विनोद कांबली अब बेहद कम नजर आते हैं.

 

फैंस दे रहे हैं अपना रिएक्शन

कांबली और तेंदुलकर महज 14 और 15 साल की उम्र में तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने हैरिस शील्ड मैच में सेंट जेवियर्स के खिलाफ अपने स्कूल शारदाश्रम विद्यामंदिर के लिए 664 रनों की शानदार साझेदारी की थी. दोनों खिलाड़ी नाबाद रहे, जिसमें कांबली ने 349 और तेंदुलकर ने 326 रन बनाए. तेंदुलकर ने दो साल से भी कम समय बाद 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ भारत के लिए डेब्यू किया और अपने करियर का अंत यकीनन खेल खेलने वाले सबसे महान खिलाड़ी के रूप में किया. उन्होंने भारत के लिए 200 टेस्ट और 463 वनडे खेले और दोनों फॉर्मेट में सबसे अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड बनाया. वह क्रिकेट इतिहास में 100 अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं.

कांबली ने 1991 में भारत के लिए वनडे में डेब्यू किया और बाद में 1993 में टेस्ट क्रिकेट खेला. कुल मिलाकर, उन्होंने भारत के लिए 17 टेस्ट खेले और 54.20 की औसत से चार शतकों (दो दोहरे शतकों सहित) के साथ 1084 रन बनाए. 104 वनडे में, उन्होंने भारत के लिए दो शतकों के साथ 32.29 की औसत से 2477 रन बनाए. भारत के लिए उनका आखिरी टेस्ट मैच 1995 में था. वहीं आखिरी वनडे उन्होंने साल 2000 में खेला था. आचरेकर तेंदुलकर और कांबली के बचपन के कोच थे और कामथ मेमोरियल क्रिकेट क्लब के संस्थापक थे. उन्होंने भारत के लिए खेलने वाले कई खिलाड़ियों को भी कोचिंग दी, जैसे चंद्रकांत पंडित, अजीत अगरकर, प्रवीण आमरे और रमेश पोवार आदि शामिल हैं.

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